पापा, हम हिंदू हैं कि मुसलमान?' : शानी की कहानी युद्ध
आज शानी का जन्मदिन है. शानी यानी सतत असुविधा का लेखक. मेरी पीढ़ी के लोगों का उनसे परिचय शायद दूरदर्शन पर आये धारावाहिक "काला जल"से हुआ हो, मेरा तो उसी से हुआ था. उपन्यास बाद में पढ़ा. कभी परमानंद...
View Articleवो सोयेगा क्यों, जो है सबको जगाता : कविता में गाँधी
इंटरनेट से साभारगाँधी हमारे लोकजीवन में कुछ इस क़दर विन्यस्त हैं कि वह अपनेहोने से अधिक व्याप्त हैं. वह एक हकीक़त हैं तो एक मिथक भी जिनसे हम जो सीखना चाहते हैं सीख लेते हैं. उन पर हमलों के दौर में आज...
View Articleसुनहरे दिनों की यात्रा में आपका स्वागत है : मनोज कुमार पाण्डेय की कहानी
‘तो आइए मेहरबान अभी भीतर बहुत सारी जगह है...’ माइक पर आवाज लगाते हुए हरकारे ने पूरी ताकत से चिल्लाकर कहा। लगातार चिल्लाते हुए उसका गला खराब हो गया था और कुछ इस तरह से आवाज निकल रही थी जैसे फटे हुए ढोल...
View Articleअक्षत सेठ की दो कविताएँ
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से मीडिया स्टडीज़ में पीएचडी कर रहे अक्षत उन अर्थों में तो कवि एकदम नहीं हैं, जिन्हें सोशल मीडिया विस्फोट ने परिभाषित किया है. मसलन आप उनकी फेसबुक टाइमलाइन पर अक्सर कविता...
View Articleकथन का नया अंक : भारत में शिक्षा की दशा और दिशा पर विशेष
"कथन"लघुपत्रिका आन्दोलन के दौर की उन पत्रिकाओं में से है जिनसे हमारी पीढ़ी और उसके पहले की पीढ़ी के कई लोगों ने एक लेखक के तौर पर अपनी शुरुआत ही नहीं की बल्कि साहित्य, समाज और राजनीति की आरम्भिक ट्रेनिंग...
View Articleकुमार अंबुज की नई कविता : हम में से हर दूसरा आदमी अपराधियों का वोटर है
वक़्त बदल गया है और सारी सुन्दर चीज़ें जैसे असुंदर के स्थापन में लगी हैं. हर तरफ़ सब इतना शांत और सहज है कि असुविधा पैदा करता है. देखते ही देखते श्लीलता अश्लीलता में बदलती चली गई और जैसे यह बदलाव किसी...
View Articleअश्वेत जगत से स्त्री कविता
Faith Ringgold की पेंटिंग फॉर द विमेंस हाउसयहाँसे साभार लूसिल क्लिफ़्टनऔर वार्सन शायरअश्वेत कवयित्रियों की दो पीढ़ियों की प्रतिनिधित्व करती हैं। 1936 में न्यूयॉर्क में जन्मी लूसिल अपनी स्त्रीवादी और...
View Articleप्रेम लहरी : मिथक, इतिहास और किस्सागोई
प्रेमलहरी मुग़ल शहज़ादी और एक कवि के प्रेम का आख्यान है. आप इसे असफल प्रेम का आख्यान भी कह सकते हैं लेकिन प्रेम तो अपने होने में ही सफल हो जाता है. एक स्पर्श में, एक चुम्बन में, एक भाव में... उसकी असफलता...
View Articleक्या होगा जब खनिजों में बदल जायेंगे हम : अहमद फ़हीम की कविताएँ
असुविधा हमेशा से युवा साथियों का मंच रहा है. हमारी कोशिश रही है कि एकदम ताज़ा स्वरों को यहाँ प्रस्तुत किया जाए. अहमद फ़हीम की कविताएँ मुझे कुछेक दिन पहले मेल पर मिलीं. ये एकदम से चौंकाने वाली कविताएँ...
View Articleकुली लाइंस से एक अंश : यह जहाज जगन्नाथ के मंदिर की तरह है
हाल ही में वाणी प्रकाशन से आई प्रवीण झाकी किताब "कुली लाइंस"ख़ूब चर्चा में है. गिरमिटिया मज़दूरों के जीवन और इतिहास पर आधारित इस किताब में प्रवीण का ज़बरदस्त रीसर्च दिखता है. इधर हिंदी में जिस तरह नॉन...
View Articleमृत्युंजय की कविताएँ
हिन्दी कविता की दुनिया का तो नहीं पता लेकिन आलोचना की दुनिया 'प्रतिबद्ध'और 'कलावाद'की एक अबूझ बायनरी और दोनों ही पदों की एक भ्रष्ट समझ से बनती है अक्सर. कला की उपस्थिति को कलावाद मान लेने का एक असर यह...
View Articleअनघ शर्मा की कहानी : एक बालिश्त चाँदनी!!
युवा कथाकार अनघ शर्मा का पहला कहानी संकलन "धूप की मुंडेर"अभी हाल ही में राजकमल प्रकाशनसे आया है. उसी संकलन से एक कहानी. “डाल दिया रे पानी पे बिछौना,किसने किया रे ये पानी पे बिछौनाससुर हमारे चौधरी,सास...
View Articleसीरिया से कविताएँ - मराम अल-मासरी
सीरिया विश्व मानचित्र पर एक घाव सा है या बेहतर होगा यह कहना कि सीरिया मनुष्यता की देह पर एक घाव सा है. मराम अल-मासरीकी कविताएँ उन घावों और खरोंचों को उनकी पूरी तल्खी के साथ अपनी कविताओं में ले आती हैं...
View Articleओक्टोवियो पाज़ की बारह कविताएँ : अनुवाद - उज्ज्वल भट्टाचार्य
ओक्टोवियो पाज़ सड़कएक लम्बी और सुनसान सड़क. अंधकार में चलता जाता हूं और लड़खड़ाता हूं और गिर जाता हूं और उठ खड़ा होता हूं, और अंधे सा चलता जाता हूं, मेरे क़दम ख़ामोश पत्थरों और सूखे पत्तों को कुचलते...
View Articleस्वप्निल श्रीवास्तव की कवितायें
स्वप्निल श्रीवास्तव नब्बे के दशक के उन कवियों में हैं जिनकी कविता का भावबोध एक तरफ़ अस्सी के दशक से सीधे जुड़ता है तो दूसरी तरफ़ अपने लिए एक बिलकुल नया काव्य संसार गढ़ता है. जीवन के बेहद मामूली लगाने वाले...
View Articleलीलाधर मण्डलोई की कविता "अमूर्त"पर सुमन केशरी
कविताओं में जीने वालीं सुमन जी ने इधर उन्होंने कोई एक कविता चुनकर उस पर विस्तार से लिखना शुरू किया है जो हिन्दी की आत्मग्रस्ति से समीक्षाग्रस्ति तक सिमटी दुनिया में अनूठा सा काम है. चाहूँगा इस आपाधापी...
View Articleअनुराग अनंत की कविताएँ
भूख और सपनों के बीच भूख के भेष में जिंदगीऔर जिंदगी की शक्ल में सपने चलते रहें हैं हमारे साथ और हम चलने के नाम पर ठहरे रहे हैं कहीं भूख और सपनों के बीच उजाले के भरम में अँधेरे को चुना है हर बार, बार...
View Articleपाब्लो नेरूदा की कविताएँ : अनुवाद - उज्ज्वल भट्टाचार्य
कविता के पाठक नेरूदा से ख़ूब परिचित हैं. हिन्दी में उनके अनुवाद पहले भी ख़ूब हुए हैं. उज्ज्वल भट्टाचार्य के ये अनुवाद उनकी कविता के कुछ और वातायन खोलते हैं. अगर तुम मुझे भूल जाओमैं चाहता हूँ तुम्हें पता...
View Articleनिकोनार पार्रा की कविताएँ - अनुवाद : उज्जवल भट्टाचार्य
“कविता मुझे हमेशा वेदिका से पादरी की आवाज़ जैसी लगती थी...पंछियों को गाने दो” – निकानोर पार्रा ने कभी कविता के बारे में ये शब्द कहे थे. पार्रा का मानना था कि राजनीतिक व भावनात्मक शैली के बदले कविता...
View Articleआशीष त्रिपाठी की तीन कविताएँ
पेशे से अध्यापक और मिजाज़ से कवि आशीष ने कविता से अधिक नाम आलोचना में कमाया है. लेकिन इस नाम कमाने में बेहतर या बदतर लिखा जाना नहीं शामिल, मुझे तो वे हमेशा मूलतः कवि लगे हैं, यह अलग बात है कि कवि होने...
View Articleनेपाली कविता : सरिता तिवारी की कविताएँ
नेपाली युवा कवयित्री सरिता तिवारी पेशे से शिक्षक और अधिवक्ता हैं और कविताओं के अलावा वहाँ के राष्ट्रीय दैनिक कान्तिपुर के लिए नियमित कॉलम लिखती हैं. प्रलेसं से जुडी सरिता जी के नेपाली में तीन कविता...
View Articleइस्लाम का इतिहास
नॉटनल डॉट कॉम (notnul.com) एक तरह का नवोन्मेष है जहाँ इसके कर्ता-धर्ता नीलाभ श्रीवास्तव हिन्दी की महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं के साथ किताबें भी सॉफ्ट वर्ज़न में ला रहे हैं और बेहद कम दामों में युवा पीढ़ी को...
View Articleमनीषा श्रीवास्तव की कविताएँ
मनीषा श्रीवास्तवउन अर्थों में कवि नहीं हैं जिनमें होना आजकल ज़रूरी हो गया है. मतलब सोशल मीडिया पर उनकी वाल पर आपको प्रकाशन/आयोजन आदि की सूचनाएँ नहीं मिलेंगी. लेकिन उन्हें पढ़ते हुए आप उस कवि हृदय की भी...
View Articleऐनी सेक्सटन की कविताएँ : अनुवाद - अनुराधा अनन्या
पिछली सदी के आरम्भ में अमेरिका में के समृद्ध व्यापारिक घर जन्मींऐनी सैक्सटन, एक असाधारण कवयित्री हैं। उनकी कविताओं को confessional verse, स्टाइल की कविता कहा गया जिसमें उनके निजी और सामजिक जीवन की...
View Articleअमितोष नागपाल की ग्यारह कविताएँ
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक अमितोष नागपाल की ये कविताएँ अलग-अलग होते हुए भी एक कविता सीरीज सी चलती हैं. कहीं सवाल करती, कहीं उलझती और कहीं जैसे ख़ुद से ही बतियाती. एक ऐसे समय में जब एक तरफ़ कैरियर...
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